खजूर (खजूर) की खेती एक प्राचीन और महत्वपूर्ण कृषि प्रथा है, जो मुख्य रूप से गर्म और शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है। खजूर का पेड़ पाम परिवार का सदस्य है और इसे विश्व के सबसे प्राचीन फलों में से एक माना जाता है। यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह पोषण में भी समृद्ध है। खजूर की खेती का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है, और यह आज भी कई देशों में महत्वपूर्ण है। इसके उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ हिस्सों में होता है। खजूर की खेती को कृषि की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह सूखा सहिष्णु होती है और कम जल की आवश्यकता होती है। इसलिए, इसे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प माना जाता है।

खजूर के पेड़ की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जलवायु 30 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान होता है। ये पेड़ बहुत गर्म और शुष्क जलवायु में तेजी से विकसित होते हैं। इसके अलावा, खजूर की खेती के लिए मिट्टी की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण है। इसे अच्छी जल निकासी वाली, रेतिली या दोमट मिट्टी में उगाना सबसे अच्छा होता है। खजूर के पेड़ को लगाने से पहले मिट्टी की जुताई की जाती है और उसे अच्छे से तैयार किया जाता है। इसके लिए मिट्टी की संरचना, पीएच स्तर और नमी की उपयुक्तता की जांच की जाती है। खजूर के पौधे को लगाने से पहले अच्छे बीजों का चयन करना आवश्यक है। बीजों को जमीन में 7 से 10 फीट की दूरी पर बोया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि पेड़ को पर्याप्त स्थान मिले और वे एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा न करें।

जब खजूर का पौधा विकसित हो जाता है, तो इसकी ऊँचाई लगभग 20 से 30 फीट तक हो सकती है। इन पेड़ों को न केवल फल देने के लिए बल्कि उनके तने और पत्तियों का उपयोग भी किया जाता है, जिससे कई प्रकार के उत्पाद बनाए जा सकते हैं। खजूर के तने का उपयोग निर्माण सामग्री के रूप में किया जाता है, जबकि पत्तियों से बास्केट और अन्य हस्तशिल्प बनाए जाते हैं। खजूर की फसल के लिए उचित देखभाल आवश्यक होती है। समय-समय पर खाद और उर्वरक का उपयोग किया जाता है। जैविक खाद का प्रयोग करना फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा, पौधों को नियमित रूप से पानी देना भी जरूरी होता है, खासकर जब वे युवा होते हैं। खजूर के पेड़ को अधिकतर कीटों और रोगों से सुरक्षा की आवश्यकता होती है, जिसके लिए कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार, उचित देखभाल से खजूर के उत्पादन में काफी वृद्धि की जा सकती है।

खजूर की कटाई आमतौर पर शरद ऋतु के अंत में होती है, जब फल पूरी तरह से पक जाते हैं। फल पकने पर उन्हें सावधानी से काटा जाता है, ताकि पेड़ को कोई नुकसान न पहुंचे। खजूर को काटने के बाद, उसे कुछ समय के लिए छाया में सुखाना चाहिए, ताकि उनकी नमी निकल जाए। सूखे खजूर का उपयोग कई प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है, और ये स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। खजूर में उच्च मात्रा में फाइबर, विटामिन, और खनिज होते हैं, जो इसे एक ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थ बनाते हैं। यह न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि इसे विभिन्न व्यंजनों में भी इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि, खजूर का उपयोग मिठाइयों, चॉकलेट, और सलाद में किया जाता है।

खजूर की खेती में एक महत्वपूर्ण पहलू इसकी व्यावसायिक संभावनाएं हैं। भारत में खजूर का उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग आवश्यक है। इसके अलावा, खजूर की निर्यात संभावनाएं भी अच्छी हैं, विशेष रूप से मध्य पूर्व और अन्य देशों में जहां इसकी मांग अधिक है। खजूर की खेती न केवल किसानों के लिए आर्थिक लाभ लाती है, बल्कि यह ग्रामीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। खजूर का उत्पादन बढ़ाने के लिए उचित तकनीकों का उपयोग और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इससे किसानों को न केवल स्थानीय बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।

इस प्रकार, खजूर की खेती एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है, जो न केवल किसानों के लिए आय का स्रोत है, बल्कि यह देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर सकता है। इसके लिए किसानों को सही ज्ञान, तकनीकी सहायता, और बाजार के बारे में जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है। खजूर की खेती को बढ़ावा देने के लिए उचित नीतियों और योजनाओं का कार्यान्वयन आवश्यक है, ताकि अधिक से अधिक किसान इस लाभकारी फसल की ओर आकर्षित हों। इसके अलावा, खजूर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाएं और सहायता भी उपलब्ध हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि अधिक किसान खजूर की खेती को अपनाएं और इससे होने वाले आर्थिक लाभ का लाभ उठाएं।

परिचय

  • खजूर की खेती एक प्राचीन और महत्वपूर्ण कृषि प्रथा है, जो मुख्य रूप से गर्म और शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है। खजूर का पेड़ पाम परिवार का सदस्य है और इसे विश्व के सबसे प्राचीन फलों में से एक माना जाता है। इस फल का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है, और यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह पोषण में भी समृद्ध है। खजूर की खेती मुख्य रूप से उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व, और भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ हिस्सों में होती है। खजूर की खेती को कृषि की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह सूखा सहिष्णु होती है और कम जल की आवश्यकता होती है। इसके पौधे अत्यधिक गर्मी और कम पानी में भी पनप सकते हैं, जिससे यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनता है।

जलवायु और मिट्टी की आवश्यकताएं

  • खजूर के पेड़ की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जलवायु 30 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान होता है। ये पेड़ बहुत गर्म और शुष्क जलवायु में तेजी से विकसित होते हैं। खजूर की खेती के लिए मिट्टी की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण है। इसे अच्छी जल निकासी वाली, रेतिली या दोमट मिट्टी में उगाना सबसे अच्छा होता है। खजूर के पेड़ को लगाने से पहले मिट्टी की जुताई की जाती है और उसे अच्छे से तैयार किया जाता है। इसके लिए मिट्टी की संरचना, पीएच स्तर और नमी की उपयुक्तता की जांच की जाती है। खजूर के पेड़ की जड़ें गहरी होती हैं, इसलिए गहरी मिट्टी होना आवश्यक है ताकि जड़ें पर्याप्त पोषण प्राप्त कर सकें।

पौधारोपण प्रक्रिया

  • खजूर के पौधे को लगाने के लिए अच्छे बीजों का चयन करना आवश्यक है। बीजों को जमीन में 7 से 10 फीट की दूरी पर बोया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि पेड़ को पर्याप्त स्थान मिले और वे एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा न करें। पौधे को स्थायी रूप से स्थापित होने में लगभग 4 से 5 साल का समय लगता है। खजूर के पौधे विशेष रूप से परागण के लिए पुरुष और स्त्री दोनों प्रकार के पौधों की आवश्यकता होती है। इसके लिए, किसान आमतौर पर पुरुष पौधों को स्थापित करते हैं ताकि वे सही समय पर स्त्री पौधों को परागित कर सकें।
  • जब खजूर का पौधा विकसित हो जाता है, तो इसकी ऊँचाई लगभग 20 से 30 फीट तक हो सकती है। इन पेड़ों को न केवल फल देने के लिए बल्कि उनके तने और पत्तियों का उपयोग भी किया जाता है, जिससे कई प्रकार के उत्पाद बनाए जा सकते हैं। खजूर के तने का उपयोग निर्माण सामग्री के रूप में किया जाता है, जबकि पत्तियों से बास्केट और अन्य हस्तशिल्प बनाए जाते हैं।

देखभाल और प्रबंधन

  • खजूर की फसल के लिए उचित देखभाल आवश्यक होती है। समय-समय पर खाद और उर्वरक का उपयोग किया जाता है। जैविक खाद का प्रयोग करना फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा, पौधों को नियमित रूप से पानी देना भी जरूरी होता है, खासकर जब वे युवा होते हैं। खजूर के पेड़ को अधिकतर कीटों और रोगों से सुरक्षा की आवश्यकता होती है, जिसके लिए कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है।
  • खजूर की खेती में ध्यान देने योग्य एक और महत्वपूर्ण पहलू है। यह सुनिश्चित करना कि पेड़ में उचित स्थान हो और उन्हें पर्याप्त सूरज की रोशनी मिले। अगर पौधों के बीच अधिक भीड़ हो जाती है, तो यह उनकी वृद्धि और विकास को प्रभावित कर सकता है। इसके लिए नियमित रूप से पेड़ों की छंटाई की जाती है, ताकि उन्हें हवा और रोशनी का सही प्रवाह मिल सके।

फलन और कटाई

  • खजूर की कटाई आमतौर पर शरद ऋतु के अंत में होती है, जब फल पूरी तरह से पक जाते हैं। फल पकने पर उन्हें सावधानी से काटा जाता है, ताकि पेड़ को कोई नुकसान न पहुंचे। खजूर को काटने के बाद, उसे कुछ समय के लिए छाया में सुखाना चाहिए, ताकि उनकी नमी निकल जाए। सूखे खजूर का उपयोग कई प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है, और ये स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। खजूर में उच्च मात्रा में फाइबर, विटामिन, और खनिज होते हैं, जो इसे एक ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थ बनाते हैं। खजूर का उपयोग विशेष रूप से रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय द्वारा किया जाता है, जहां इसे रोजा खोलने के लिए प्रमुखता से खाया जाता है।

स्वास्थ्य लाभ

  • खजूर का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, और कई महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज होते हैं। यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, पाचन तंत्र को सुचारू रखने, और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है। खजूर का सेवन नियमित रूप से करने से व्यक्ति की ऊर्जा में वृद्धि होती है और यह थकान को भी कम करता है। यह विशेष रूप से खेलकूद में लगे व्यक्तियों के लिए ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। खजूर का उपयोग मिठाइयों, चॉकलेट, और सलाद में किया जाता है।

आर्थिक संभावनाएं

  • खजूर की खेती में एक महत्वपूर्ण पहलू इसकी व्यावसायिक संभावनाएं हैं। भारत में खजूर का उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग आवश्यक है। इसके अलावा, खजूर की निर्यात संभावनाएं भी अच्छी हैं, विशेष रूप से मध्य पूर्व और अन्य देशों में जहां इसकी मांग अधिक है। खजूर की खेती न केवल किसानों के लिए आर्थिक लाभ लाती है, बल्कि यह ग्रामीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
  • खजूर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को स्थानीय बाजारों और वैश्विक बाजारों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए किसानों को नई तकनीकियों के बारे में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यदि किसान अपनी फसल को सही तरीके से विपणन कर सकें, तो वे अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर सकते हैं।

निष्कर्ष

  • इस प्रकार, खजूर की खेती एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है, जो न केवल किसानों के लिए आय का स्रोत है, बल्कि यह देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर सकता है। इसके लिए किसानों को सही ज्ञान, तकनीकी सहायता, और बाजार के बारे में जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है। खजूर की खेती को बढ़ावा देने के लिए उचित नीतियों और योजनाओं का कार्यान्वयन आवश्यक है, ताकि अधिक से अधिक किसान इस लाभकारी फसल की ओर आकर्षित हों। इसके अलावा, खजूर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाएं और सहायता भी उपलब्ध हैं, जिससे किसानों को इस क्षेत्र में प्रोत्साहन मिल सके।
  • इस प्रकार, खजूर की खेती एक सतत विकास का मार्ग प्रशस्त करती है, जो पर्यावरण को भी संतुलित रखती है और किसानों के लिए आर्थिक लाभ सुनिश्चित करती है। खजूर की खेती के माध्यम से, न केवल कृषि क्षेत्र को मजबूत किया जा सकता है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न कर सकता है। इस प्रकार, खजूर की खेती एक समग्र दृष्टिकोण से विकास का एक प्रमुख साधन हो सकती है।

खजूर (खजूर) की खेती के लिए आवश्यक उपकरण

खजूर की खेती एक लाभकारी व्यवसाय है, लेकिन इसकी सफलता के लिए उचित उपकरण और मशीनरी का होना अनिवार्य है। सही उपकरणों का चयन न केवल खेती की प्रक्रिया को सरल बनाता है, बल्कि यह उत्पादन को भी बढ़ाता है। यहाँ खजूर की खेती के लिए आवश्यक प्रमुख उपकरणों की विस्तृत जानकारी दी गई है:

1. किसान ट्रैक्टर

किसान ट्रैक्टर आधुनिक कृषि में एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह विभिन्न कार्यों में मदद करता है, जैसे कि जुताई, मिट्टी की तैयारी, और फसल की कटाई। ट्रैक्टर की सहायता से बड़े खेतों में काम करना सरल हो जाता है, और किसान अपने समय और श्रम की बचत कर सकते हैं। सही ट्रैक्टर का चयन करना जरूरी है, जो खेत की स्थिति और आकार के अनुसार हो। इसके अलावा, ट्रैक्टर पर विभिन्न उपकरणों को जोड़कर इसे और अधिक कार्यात्मक बनाया जा सकता है, जैसे कि रोटावेटर, कल्टीवेटर, आदि।

2. जुताई मशीन

जुताई मशीन का उपयोग मिट्टी को अच्छे से पलटने और तैयार करने के लिए किया जाता है। यह मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करती है और पौधों की जड़ों को फैलने का अवसर देती है। जुताई से मिट्टी में हवा, नमी और पोषक तत्वों का संचार बेहतर होता है। इसके अलावा, जुताई के बाद मिट्टी के ऊपरी परत को साफ किया जा सकता है, जिससे खरपतवारों की वृद्धि कम होती है।

3. बीज बोने की मशीन

बीज बोने की मशीन का उपयोग खजूर के बीजों को उचित गहराई और दूरी पर बोने के लिए किया जाता है। यह मशीन बीजों को सही मात्रा में और सही स्थान पर बोने में मदद करती है। इससे फसल की वृद्धि में सुधार होता है और बीजों की बर्बादी कम होती है। आधुनिक बीज बोने की मशीनें GPS और अन्य तकनीकों से लैस होती हैं, जो उन्हें अधिक सटीक बनाती हैं।

4. पानी देने के उपकरण

खजूर की फसल को पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से युवा पौधों के लिए। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम या स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग करके पौधों को सही मात्रा में पानी दिया जा सकता है। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम बहुत कुशल होता है, क्योंकि यह सीधे पौधों की जड़ों में पानी पहुंचाता है और जल की बर्बादी को रोकता है। इसके अलावा, यह मिट्टी की नमी को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे पौधों की वृद्धि में सुधार होता है।

5. खाद और उर्वरक छिड़कने की मशीन

खजूर की फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए खाद और उर्वरक का सही मात्रा में छिड़काव करना जरूरी है। इसके लिए छिड़काव मशीन का उपयोग किया जाता है, जिससे खाद और उर्वरक को समान रूप से खेत में फैलाया जा सके। यह मशीन खाद को समय पर और उचित मात्रा में पौधों के लिए उपलब्ध कराती है, जिससे फसल की वृद्धि में वृद्धि होती है।

6. कटाई मशीन

खजूर की कटाई के लिए विशेष प्रकार की कटाई मशीन का उपयोग किया जाता है। ये मशीनें फलों को सुरक्षित तरीके से काटने में मदद करती हैं, जिससे फलों को नुकसान नहीं पहुँचता और कटाई की प्रक्रिया तेजी से होती है। कटाई मशीन की सहायता से कटाई के समय की बचत होती है और यह कार्य कुशलता से किया जा सकता है।

7. किसान हाथ के उपकरण

किसान हाथ के उपकरण जैसे कि फावड़ा, कुल्हाड़ी, और कुदाल भी आवश्यक होते हैं। इनका उपयोग मिट्टी की खुदाई, जड़ें निकालने, और पौधों की देखभाल के लिए किया जाता है। ये उपकरण सरल लेकिन महत्वपूर्ण होते हैं, और इन्हें किसी भी किसान के उपकरण बॉक्स में होना चाहिए। हाथ के उपकरणों का उचित रखरखाव करना भी आवश्यक है, ताकि उनकी कार्यक्षमता बनी रहे।

8. छंटाई के उपकरण

खजूर के पेड़ की छंटाई के लिए विशेष छंटाई के उपकरण की आवश्यकता होती है। इससे न केवल पेड़ की वृद्धि को नियंत्रित किया जाता है, बल्कि यह कीटों और रोगों के प्रकोप को भी कम करता है। छंटाई के दौरान, मृत या रोगग्रस्त शाखाओं को हटाने से पेड़ की सेहत में सुधार होता है और फल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।

9. कीटनाशक छिड़काव उपकरण

खजूर की फसल को कीटों और बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए कीटनाशक का उपयोग किया जाता है। इसके लिए छिड़काव की मशीनों का उपयोग किया जाता है, जो कीटनाशक को सही मात्रा में और सही तरीके से छिड़कने में मदद करती हैं। कीटनाशक का समय पर छिड़काव करने से फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होती है और उत्पादन में सुधार होता है।

10. फसल ट्रांसपोर्टेशन के उपकरण

खजूर की फसल को बाजार में ले जाने के लिए ट्रकों और अन्य परिवहन साधनों की आवश्यकता होती है। उचित परिवहन सुनिश्चित करता है कि फल सुरक्षित और ताजा रहें। ट्रांसपोर्टेशन के दौरान फलों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए उपयुक्त पैकेजिंग का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।

11. फसल के भंडारण के लिए कंटेनर

खजूर की कटाई के बाद, उन्हें सुरक्षित रूप से भंडारण करने के लिए उपयुक्त कंटेनर की आवश्यकता होती है। यह सुनिश्चित करता है कि फसल को नुकसान न पहुंचे और उनकी गुणवत्ता बनी रहे। खजूर को भंडारित करते समय तापमान और नमी का ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि फलों की ताजगी बनी रहे।

12. अन्य आवश्यक उपकरण

इसके अलावा, मौसम की स्थिति का अध्ययन करने के लिए विभिन्न उपकरण जैसे कि थर्मामीटर, ह्यूमिडिटी मीटर, और वर्षा मापने वाले यंत्र भी आवश्यक हो सकते हैं। ये उपकरण किसानों को मौसम की स्थिति के आधार पर सही निर्णय लेने में मदद करते हैं। सही मौसम के पूर्वानुमान से किसान अपनी खेती की योजना बना सकते हैं और सही समय पर कार्य कर सकते हैं।

निष्कर्ष

इस प्रकार, खजूर की खेती के लिए कई प्रकार के उपकरण और मशीनरी की आवश्यकता होती है। इन उपकरणों का सही उपयोग करके किसान अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं। उचित उपकरणों का चयन और उनका सही उपयोग खजूर की खेती में सफलता की कुंजी है। किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अद्यतन तकनीक और उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनकी खेती की प्रक्रिया अधिक कुशल और प्रभावी हो सके।

खजूर की खेती में उचित तकनीकी ज्ञान और उपकरणों का उपयोग करना न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में समृद्धि भी लाता है। इससे न केवल किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं, बल्कि यह ग्रामीण विकास और खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देता है। सही उपकरणों की मदद से खजूर की खेती को अधिक कुशल और लाभकारी बनाया जा सकता है।

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